*ज्योतिराव फुले जयंती पर अवकाश घोषित करें*
वृत्त संकलन सुमित ठाकरे
आधुनिक भारत के शिल्पकार तात्यासाहब महात्मा ज्योतिराव फुले को माना जाता है। महात्मा फुले ने आजादी, समता, मित्रता व न्याय को भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में पहुंचाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने सत्य प्रस्थापित करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई। महात्मा फुले के गुरु शिवाजी महाराज व महात्मा फुले को गुरु मानने वाले भारतरत्न डा. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती को शासकीय अवकाश मंजूर है। लेकिन महात्मा फुले की जयंती को शासकीय अवकाश घोषित नहीं है। जो महात्मा फुले का अपमान ही कहा जा सकता है। इसलिए सत्यशोधक समाज के शतकोत्तर सुवर्ण महोत्सव के मद्देनजर जोतीराव फुले की जयंती पर 11 अप्रैल को शासकीय अवकाश घोषित करने का आदेश दिया जाए। यह मांग सत्यशोधक समाज संघ ने करते हुए जिलाधिकारी, उपविभागीय अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा है। इस मांग को ओबीसी कृति समिति गोंदिया, ओबीसी सेवा संघ, अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद ने भी समर्थन दिया है। ज्ञापन सौंपते समय कैलाश भेलावे, पेमेंद्र चव्हाण, राजेश नागरिकर, प्रमोद बघेले, डी. आय. खोब्रागड़े, सुनील भोंगाडे, भंडारी चौधरी, विनोद बंसोड़ उपस्थित थे।
• *जनशक्ति युवा पैनल
ने भी की मांग*
महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती पर 11 अप्रैल को शासकीय अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर जनशक्ति युवा पैनल सौंदड़ की ओर से तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। ज्ञापन सौंपते समय संस्थापक गायत्री इरले, उपाध्यक्ष समाधान बडोले, रोशन शिवणकर, कैलाश इरले, रेखा राऊत, योगेश्वरी निर्वाण, सुदक्षणा राऊत, सुरेखा नंदरधने, शोविंदा निर्वाण, सुधाकर चांदेवार, सदाशिव विट्ठले, नारायण सावरकर, युनेश भेंडारकर, शैलेश विट्ठले, वसंता विट्ठले आदि उपस्थित थे।
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